जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो
वो छेल छबीलो रंग भरी पिचकारी साथ में ल्याओ जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो लाख करी कोशिश
वो छेल छबीलो रंग भरी पिचकारी साथ में ल्याओ जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो लाख करी कोशिश
इक तू ही अनमोल मालिक इक तू ही अनमोल, मैंने इस दुनिया में आके बहुत किये है गुनाह, इक तू
श्याम की कोई खबर लाता नही, श्याम बिन हमसे जिया जाता नही, मन मेरा कहता की मैं मश्ली बनू, यमुना
राधा नाम गाते गाते मेरी उम्र बीत जाये, मुझे मौत भी जो आये चौकठ पे तेरी आये, राधा नाम गाते
बिहारी तेरे नैना जादू भरे जुल्मी तेरी तिरछी नजरिया दिल पे वार करे एक तो कातिल तेरे लटके झटे दूजे
मेरी करुण पुकार सुनो हरी मेरी करुण पुकार आन पड़ी मजधार में नैया , तू ही पार उतार सुनो हरी
मटकी न फोड़ो सांवरियां मोहे माई मारेगी, यमुना तट से नीर भरन को दूर से चल के आई, कैसे टूट
सावरिया नन्द किशोर हाँ किशोर, मेरी साड़ी पे रंग दाल गायों, वाह वाह रे रसिया वाह वाह रे छैला, मैने
नन्द का लाला बांसुरी वाला, बुलावे मोहे गोकुल की नगरी । बृज का उजाला काहना निराला, बुलावे मोहे गोकुल की
आजा श्याम प्यारे तुझे कब से अखियाँ निहारे, दर्श दिखा जा गले से लगा जा जिउ तेरे सहारे, आजा श्याम