लाड लडाऊ तने
लाड लडाऊ तने मनाऊ थारी घनी करू मनहार कन्हिया मेरी गोदी आजा लडाऊ थारा लाड आजा लाड लडाऊ तने मनाऊ
लाड लडाऊ तने मनाऊ थारी घनी करू मनहार कन्हिया मेरी गोदी आजा लडाऊ थारा लाड आजा लाड लडाऊ तने मनाऊ
सतगुरु मेरया किता ऐ कमाल जी, शेंषा बनाया मेनू जुदा दी कंगाल सी, किथो लबे श्याम तेनु पुछदीया सारियां, जदों
मोटे मोटे नैनन के तू, मीठे मीठे बैनन के तू । सांवरी सलोनी सूरत के तू, और प्यारी प्यारी मोहनी
छोटे छोटे दाऊ छोटे सब ग्वाल बाल, छोटे छोटे प्यारे प्यारे मदन गोपाल, करते है मीठी बाते, छोटे छोटे दाऊ
मोर पंख को संवारिये ने इतना दिया समान, शीश पे दाहरण करके देदी नई पहचान, इस के बिना शृंगार अधूरा
होली खेलन राधा आई रे आओ श्याम बिहारी, श्याम बिहारी घनश्याम बिहारी, रुत रंगा की आई रे आओ श्याम बिहारी,
सुन लै बृषभान किशोरी,जो मोते न खेली होरी, तो तेरी मेरी कट्टी है जायगी,,,, तू सुन लै नन्द किशोरी,जो मोते
भक्तन नू दरश दिखाओ आओ आओ बांके बिहारी, बांके बिहारी बांके बिहारी, राह तक़ तक़ थाकिया अंखिया ने दर्शन न
चलो चलो रे श्याम के द्वार होली खेलेगे उड़े रंगों की छावे बहार के होली खेले गे संवारे सलोने को
मोहे सब घट श्याम ही दीखे, सब घट श्याम ही दीखे, जित देखूँ उत श्याम ही दीखे, सागर की ये