इतना न तड़पाया करो
इतना न तड़पाया करो मिलने श्याम चले आया करो, मेरे पतंग की डोर तुम्ही हो, ऐसे ना रूठ जाया करो
इतना न तड़पाया करो मिलने श्याम चले आया करो, मेरे पतंग की डोर तुम्ही हो, ऐसे ना रूठ जाया करो
घूमतडा घर आवो गजानंद , म्हारा प्यारा ओ गजानंद, खेलतडा घर आवो जी, मुषे असवारी गणपति पधारो, संग में रिद्धि
श्याम आये नैनो में बन गई हु मैं संवारी शीश मुकट बंसी अधर रेशम का पीताम्बर पेहने है बन माल
बस संवरने की चाह मुझको इतनी रहे सांवरे की नज़र में सँवरता रहूं जितनी कृपा की मुझपे मेरे श्याम ने
गोबिन्द लीनो मोल माई री मैंने गोबिन्द लीनो मोल, कोई काहे सस्ता कोई कहे मेहंगा, लीनो तराजू तोल, माई री
आज मालिन बने है बिहारी श्री राधा जी से मिलने को ॥ आज श्याम ने टिका लगया,टिका लगाया ॥ और
कुझ दा जरूर होना सावले रंग च ऐसी खींच कान्हा तेरे मुखड़े दी संग च, जेहड़ा सारिया नु चकरा च
कैसे चुकाऊ तेरी सांसो की मोल रे, जनम देने वाली इतना तू बोल, उंगली पकड़ के चलना सिखाया मुझको, गा
पत्थरों को कर लो करेजा सुनियो अंतर्ध्यान बिटिया जात अबे लो को के पेटे नहीं समानी कातके करो बिरानी रे
मन मोहन मुझे बना ले अपनी बांसुरियां, रहना है तेरे हाथ में ओ सांवरियां, मेरी दीवानी तेरी सखियाँ रहे गी,