बाला जी तेरे दरबार में दीवाने आये है
बाला जी तेरे दरबार में दीवाने आये है, मस्ती में तेरी दुभ के हम मस्ताने आये है, बाला जी तेरे
बाला जी तेरे दरबार में दीवाने आये है, मस्ती में तेरी दुभ के हम मस्ताने आये है, बाला जी तेरे
कान्हा रे कान्हा छेड़ दी तूने एसी बंसी की तान, के गाओ में हला हुआ ओ कान्हा मेरा हुआ तूने
करा नारायणा , माझ्या दु:खाची खंडणा, वृत्ती राखा पायांपाशीं । वस्ती धरूनी मानसीं ॥ पाळोनियां लळा । आतां पाववावें फळा
नन्द भवन में उड़ रही धुल धुल मोहे प्यारे लगे, उड़े उड़े धुल मेरे माथे पे आवे, मैंने तिलक लगा
ओ कन्हैया मुरलियाँ तुम्हारी नींद लेके गई है ये हमारी, उसे भी दीवाना करती प्यारी प्यारी निगाहे तुम्हारी, ओ कन्हैया
तेरी बंसरी ने लुटीया जहाँन सोनिया तेरे मोटे मोटे नैन श्यामा लुट लेनदे चैन जींद कड दी बलानदी तेरी मुस्कान
रे नर आजा श्री ब्रिज धाम, यहाँ तोहे मिलगे राधे श्याम, वृन्दावन में बांके बिहारी दर्शन करने आये सखी प्यारी,
रंग रसिया म्हारो साजना आयो रे आयो रे म्हारे देस कान्हा आयो रे आयो रे कान्हा आयो रे कान्हा आयो
उंगली आपस में बतलाए बहने तो है, काहे को अभिमान काहे को अभिमान, बहन तो है काहे को अभिमान, पहली
बता तेरे मुख को कौन खोलता है, तू बोलता है या तेरा मोह बोलता है, बता तेरे मुख को कौन