तेरे दर आये तेरे दीवाने
तेरे दर आये तेरे दीवाने रूप बांके बिहारी दिखाओ, हम तो आशिक़ है तेरे पुराने हमे चौकठ से यु न
तेरे दर आये तेरे दीवाने रूप बांके बिहारी दिखाओ, हम तो आशिक़ है तेरे पुराने हमे चौकठ से यु न
याद में तेरी कृष्ण मुरारी जोगन हो गई राधा प्यारी, ढूंढ रही पनघट पे तुझको रो रो कर सखियाँ सारी,
हरी मेरे जीवन प्राण आधार और आसरो ना ही तुम बिन तीनो लोक मजार हरी मेरे जीवन प्राण आधार आप
तुमको जाना है जहा तक तुमको माना है वाहा तक इस जमीन से आसमा तक देह से परमात्मा तक तू
जिस काबिल मैं नहीं था बाबा मुझको वो दरबार मिला छोटा पड़ गया दामन मेरा तुमसे इतना प्यार मिला तुम्हे
लगदा नहीं जी मेरा घर बार सोहणेया वे हो गयी हां मैं मजबूर वे माहिआ, वृन्दावन जाना ए जरूर वे
लूट रहा, लूट रहा, लूट रहा रे, श्याम का खजाना लूट रहा रे लूट रहा, लूट रहा, लूट रहा रे,
आ गया सईओ नी मेरा श्याम मुरारी, श्याम मुरारी मेरा गिरवर धारी, आ गया सइयो नि मेरा…… श्याम मेरे दा
गुमसुम गुमसुम क्यों बैठी हो राधा हमसे क्यों रूठी हो, ओह राधा द्वार खोल दे कान्हा से हस बोल दे,
सुनले कन्हियाँ अर्जी हमारी, तारो न तारो ये है मर्जी तुम्हारी, हम पे काया बीती कैसे बताये, किस दौर से