श्यामा श्याम रटू मैं सुबह शाम रे
जबसे नैनो में तुम बस गये सँवारे, मैंने पलकों पे काजल लगाया नहीं, श्यामा श्याम रटू मैं सुबह शाम रे,
जबसे नैनो में तुम बस गये सँवारे, मैंने पलकों पे काजल लगाया नहीं, श्यामा श्याम रटू मैं सुबह शाम रे,
होली खेल रहे नंदलाल, ब्रिज में छोर माचवे रे, ब्रिज में धूम मचावे रे, गावल वाल सब लिए संग में
राधिके ले चल परली पार, जहा विराजे नटवर नागर,नटखट नन्द कुमार किशोरी ले चल परली पार, गुण अवगुण सब उनको
मुझे रोज़ रोज़ ऐसे यूँ सताया ना करो मेरा माखन चुरा के श्याम खाया ना करो करके बहन रोज़ घर
मुश्किल में मैं जब भी पड़ा बाहों में तूने मुझे भर लिया सबने मुझे ठुकराया था तूने मुझे अपना लिया
तेरी बंदगी में बीते ये जिन्दगी हमारी अब मैं भटक न जाऊ करना दया मुरारी दुनिया की ठोकरों ने मुझको
छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा छिनी ना मोरी चुनरिया नंदलाला, अब रोकू ना तोहरी गगरिया ब्रिज बाला, करे चुगली हज़ार
( मेरी बात पे, साँवरे, करो ज़रा तुम गौर, किस को दुःख, जाकर कहें, नटवर नन्द किशोर ll ) सुनो
श्याम से दिल लगना कोई मजाक नही, जीते जी जान से जाना कोई मजाक नही, श्याम से दिल……… दिशा न
जय जय श्री राधे जय जय श्री कृष्णा, मिट जाए मन की सब तृष्णा, यमुना के चल अमृत छलके मोहे