
गोपाल कृष्णा राधा कृष्णा
गोपाल कृष्णा राधा कृष्णा कृष्णा, गोपाल कृष्णा कनहैया, गोपाल कृष्णा शत्रु करुवा, पांडव सज्जन कृष्णा वासुदेवा श्री कृष्णा, श्री कृष्णा,

गोपाल कृष्णा राधा कृष्णा कृष्णा, गोपाल कृष्णा कनहैया, गोपाल कृष्णा शत्रु करुवा, पांडव सज्जन कृष्णा वासुदेवा श्री कृष्णा, श्री कृष्णा,

फागुन का मेला आया रे, भक्ता पे जादू छा रहा रे, खाटू में जाके ने रंग गुलाल उड़वागे, दर्शन पावगे

बड़ी जादूगर है सांवरियां तोरी काली अखियां बड़ी बड़ी, तोरी लटकन में मन अटक गया मेरी जान तुझे में अडी

मेरे उठे हिर्दय में हिलौर सखी री वृंदावन जाउंगी, वृंदावन जाउंगी सखी री बरसाना जाउंगी. उड़े लाल गुलाल अबीर सखी

सुन मुरली दी मीठी मीठी तान वे राधा हो हो गई कुर्बान वे, मुरली दी तान सुन राधा रानी डोल

अपनी वाणी में अमृत घोल अपनी वाणी में अमृत घोल ओ रसना राधे राधे बोल ये बोल बड़े अनमोल ओ

बंसी वाले के चरणों में सर हो मेरा, फिर ना पूछो उस वक़्त क्या बात है। उनके द्वारे पे डाला

मतलब की दुनियाँ में कोई ना हमारा है मुझको तो मेरे बाबा बस तेरा सहारा है मतलब की दुनियाँ में

शाम सवेरे नयन बिछाकर, राह तकू मैं मोहन की, ना जाने अब कब चमके गई, किस्मत रे इस जोगन की,

ओ रे हिन्दू तने लाज न आवे रे, दशा देख गौ माता की मने रोना आवे रे, हो रे हिन्दू