व्यर्थ गवाया इस जीवन को
व्यर्थ गवाया इस जीवन को , पुनः जन्म मैं पाउ ॥ बाबा तेरे ओ श्यामा तेरे मन्दिर की मैं, घन्टी
व्यर्थ गवाया इस जीवन को , पुनः जन्म मैं पाउ ॥ बाबा तेरे ओ श्यामा तेरे मन्दिर की मैं, घन्टी
ऐरी मैया मैं क्या करूँ, मोहे राधा छल गई रे, आज मोहे राधा छल गई रे, मैं बेठो पीपल की
हर बार भेजी श्याम पाती तेरे नाम की बोल तेरे बिना जिंदगानी किस काम की मैंने इन्तजार किया तू ना
रसना निशदिन भज हरिनाम , रामकृष्ण श्री कृष्णराम भज ,रामकृष्ण श्रीकृष्ण राम , दोनों सुखकर आनन्दधाम, रामकृष्ण श्रीकृष्ण राम ,
मेरा मन पंछी ये चाहे उड़ वृन्दावन जाऊँ ब्रिज की इन पवन गलियों में राधे राधे गाओ मोर मुकट पीताम्बर
परदा मुख से हटा मुरलीवाले तेरी मैफिल में आये दीवाने, तूने मुखड़ा था इस में छुपाया सारे भगतो को पागल
कब से खड़ा तेरे द्वार सांवरे मुझको भी देदे थोड़ा प्यार सांवरे, कब से खड़ा तेरे द्वार सांवरे, सारे जहां
वो प्यारी वो प्यारी छवि रे, छवि बेमिसाल, वो कारी कजरारी तेरी आंखे, माथे केसर तिलक लगाते, वो प्यारी वो
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए। सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥ राधे तेरी कृपा तो
बांटे वधाई नन्द बाबा कान्हा ने लिया अवतार ओ कुल में नाचे झूमे गाये है सारे हुआ मगन संसार, सारी