आजा आजा होली खेल साढ़े नाल सँवारे
फागुन आया सारे लाये है गुलाल सँवारे, आजा आजा होली खेल साढ़े नाल सँवारे, हाथो में लेके आये है निशान
फागुन आया सारे लाये है गुलाल सँवारे, आजा आजा होली खेल साढ़े नाल सँवारे, हाथो में लेके आये है निशान
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे तेरी मुरली की धुन जो बजती है, सारी गोपियों को प्यारी लगती
एसी चडी तेरे नाम वाली लाली के रंग कोई चढ़दा नही, श्यामा तूने दिता जदों दा सहारा हे, मेनू भूल
तेरे चरणों में है संवारे ये परिवार मेरा, तेरी किरपा से हरदम भरा भण्डार मेरा, तेरी किरपा से ये सांसे
हाथ कस कर पकड़ ले मेरा संवारे मैं छुड़ाना भी चाहु छुड़ा न सकू, मेरी हर सांस पे श्याम लिख
सखी ठुमक ठुमक कर नाचे मेरो मोर बिहारी रे, मोर बिहारी मेरो रसिया रास बिहारी रे, सखी ठुमक ठुमक कर
हिचकी पे हिचकी आने लगी, आ जाओ कान्हा आ जाओ कान्हा, याद तुम्हरी सताने लगी, आ जाओ कान्हा आ जाओ
वृन्दावन की कुञ्ज गली में फाग खेल रहे वनवारी, भर भर के मारे पिचकारी, वृन्दावन की कुञ्ज गली में फाग
मैं कैसे सुनाऊ प्रेम कहानी राधा और कान्हा की, विरहा में भी तप के न टूटी चाहत इन दोनों की
रंग डार गयो री मोपे सांवरा मर गयी लाजन में हे री मेरी बीर, मैं क्या करूँ होरी में मारी