गोविन्द चले आओ
गोविन्द चले आओ गोपाल चले आओ मेरे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ आंखो में बसे हो तुम धड़कन में धड़ते
गोविन्द चले आओ गोपाल चले आओ मेरे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ आंखो में बसे हो तुम धड़कन में धड़ते
तोहे बड़ा होके करने है बड़े बड़े काम, इस जग से मताना है पापियों का नाम, सोजा बेटा सोजा पल
वो छैल छबीलो, रंग भरी पिचकारी साथ में लायो, जब खेलने होली लेकर टोली, बरसाने में आयो… लाख करी कोशिश
बांके बिहारी की बांसुरी बाँकी, पेसुदो करेजा में घाउ करेरी मोहन तान ते होए लगाओ तो औरन ते अलगाउ करेरी,
जन्म तेरा बातो ही बीत गयो के तूने अजहू न कृष्ण कहेयो जन्म तेरा बातो ही बीत गयो पांच बर्ष
मेरा कान्हा है तुफानी, ब्रज में करता है मनमानी, तिरछी नैनन तीर चलावे, दिल में रहती राधा रानी । कान्हा
श्याम गोकुल को छोड़ मथुरा न जाइये, अपनी राधा को ऐसे न तड़पाइए, गोपी ग्वालो को ऐसे न विसराइये, अपनी
शान तो देखो कृष्ण कन्हाई कान्हा की देवकी यशोदा दो दो मायें कान्हा की शान तो देखो ………. पापी दुशासन
झूले में झूल रहे कृष्णा यशोदा मैया के अंगना, बड़ा प्यारा लागे है सब को यशोदा मैया का ललना, झूला
नन्द गांव रावल बरसाना धूम मची है भारी, बृजमंडल में प्रगट भए है श्री राधिका प्यारी, वधाई गावे ब्रिज नारी,