रंग ल्याई रंग ल्याई माँ
रंग ल्याई रंग ल्याई माँ के मन बहाई, राजनी सुरंगी मेहँदी रंग लाइ, मइया थारे हाथ रचावण घनी राचणी मेहँदी
रंग ल्याई रंग ल्याई माँ के मन बहाई, राजनी सुरंगी मेहँदी रंग लाइ, मइया थारे हाथ रचावण घनी राचणी मेहँदी
लाखों महिफिल जहां में यूँ तो, तेरी महफ़िल सी मेहिफिल नहीं है। स्वर्ग सम्राट हो या हो चाकर, तेरे दर
दिल ने ये कहा है दिल से चलेंगे साँवरे से मिलने, किया है याद बाबा ने जाना है हमें खाटू,
गाओ गाओ री बधाई उमंग भर के उमंग भर के हरस भर के नेमा भी लाई यह तो प्रेमा भी
छगन मगन मेरे लाल को आजा रे निंदिया आ, चंचल मन घनश्याम के नैनं बीच समा, आजा री निंदिया आ
तेरा दीदार क्यु नही होता मुझपर उपकार क्यु नही होता तेरी रहमत की चार बूंदो का दास हकदार क्यु नही
जाने कितने दिनों के बाद मुझे तो मेरा संवारा मिला, मैं तो करता रहु फर्याद इसी का मुझे आसरा मिला,
नैना हुए बाबरे आजा मोरे सॉवरे दरीया कव तक रखोगे मेरे सॉवरे इक दिन की ये खातिर चहू और निहारू,
श्याम श्याम मेरे श्याम श्याम सांवरिया …. पंछी ये दिल मेरा उड़ उड़ जाए पल पल तुझको पुकारे ढूंढे बस
कैसे भूलुंगा दादी मैं तेरा उपकार, माँ ऋणी रहेगा तेरा हर दम मेरा परिवार घूम रही आँखों के आगे बीते