मैं ठुमका लगाऊ भजे ताल पे ताल
सखी रे मैं वृन्दावन जाऊ, बांके बिहारी के दर्शन पाउ, छैल बिहारी संग नाचू गाउ, बजे ताल पे ताल, मैं
सखी रे मैं वृन्दावन जाऊ, बांके बिहारी के दर्शन पाउ, छैल बिहारी संग नाचू गाउ, बजे ताल पे ताल, मैं
मन मोह लेआ कुंडला वाले ने। बंसी दी तान सूना के, सोहने रूप डा जादू पा के, नैना दे तीर
अष्टमी की रात कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये, हो गई शुभ परभात कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये, कंश
तेरी मुरली ने मस्त बनाया नंदलाला, तेरी बंसी ने मस्त बनाया नंदलाला, जेह्डा मीरा ताहि अमृत पिलाया नंदलाला. निकी जाही
जब याद तुम्हारी आती है मैं तेरे दर पर आता हूँ, अपने सुख दुःख हे ठाकुर मैं रो रो तुम्हे
काया नही रे सुहाणी भजन बिन बिना लोण से दाल आलोणी भजन बिन गर्भवास म्हारी भक्ति क भूली न बाहर
माई दे भवन ते फ़ुलाँ दी वर्षा, तेरी हो रही जय जय कार भवन ते फ़ुलाँ दी वर्षा, भगता ने
तू की जाने सावरिया की दुखड़े हुन्दे ने दिल तड़पे हर वेले मेरे नैन रोंदे ने भरी सभा विच द्रौपती
नहीं जीना नहीं जीना नहीं जीना श्याम बिन नहीं जीना, एह ऋषियां दा भरियाँ ज़ेहरा प्याला नहीं पीना, राती सतगुरु
मेरे मन में उठे हिलोर श्याम की मस्ती चडती जावे से, दिल श्याम श्याम ही गावे है आज मने कोई