
फागुन का आया मेला दिलदार साँवरे
फागुन का आया मेला दिलदार साँवरे, इस बार भी भुलाना मेरे यार संवारे, रंग और गुलाल श्याम को हम सब

फागुन का आया मेला दिलदार साँवरे, इस बार भी भुलाना मेरे यार संवारे, रंग और गुलाल श्याम को हम सब

गया ऊँगली मरोड़ गया छल्ला मेरा तोड़ तेरा श्याम मैया ऋ, ओहने हाथ पे टैटू बनवाया लिखवाया मेरा नाम मैया

सांवरो कन्हैया मोरे मन में बसो रे, मुरली बजाने वारो मन में बसो रे, मन में बसो रे कान्हा, तन

मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया राधा रंग। श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम

मुझे पूरा है विशवास सांवरे आएंगे, आएंगे, आएंगे, आएंगे मोहन आएंगे मेरी पूरी करने आस सांवरे आएंगे, आएंगे बिहारी तो

ये मटकी टूट जावेगी मात मेरी छोमे आवेगी, मटकी और ले आऊ तने दिल जान दे जाऊ, मने जो देर

श्याम गोकुल में फिर से तू आजा आज होली है रंग वर्षा जा रास गोपियाँ के साथ रचा जा धुन

ऐसे नहीं हम चाहने वाले, जो आज तुम्हे कल और चाहे, फेंक दियां आंख निकाल के दोनों, जो और किसी

हो माने ना छेड़ो जी नंदलाल मटकियाँ सिर से गिर जायेगी हो राधा धीरे धीरे चाल कमर में लचकी पड़

सुनो जी प्रभु विनती मोरी इक मोहे दर्शन न दीजियो जी दर्श मिले से मिट जायेगी तोहे दर्श की प्यास,