कहाँ छुपे हो कन्हैया
क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए वार वार, कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार । क्यों तो नज़रे
क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए वार वार, कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार । क्यों तो नज़रे
सुन अब तो जगा दे मेरा भाग संवारे, बाबा सोया है काहा तू अब जाग संवारे ॥ तेरे संग जीना
दिल की बात बता रहू तुझको ओ मेरे श्याम इक झलक जो पा लू तेरी मुझको मिले आराम तेरी महोबत
सताओ ना हमे लोगो हमें दिल की बीमारी है, हमे दिल की बीमारी है॥ हमारा वेध दुनिया में वही बांके
मेरी राधा है रस की खान रसियां श्याम पिया , संग पिया के गेहवल गइयाँ दोनों बैठे कदम की छइयां,
मुझे रोज सतावे श्याम रात को सपने में तोहे रोज सताऊगा रात को सपने में रात में आके खिड़की खोले
यमुना किनारे पे नंद का लाला गईयां चरावे, कान्हा मुरली से मीठी मीठी तान सुनावे मुरली को सुन कर के
मैंने श्याम को ब्यथा सुने मेरा बन गया श्याम सहाई, मेरे सिर पे हाथ फिराया मुझे प्रेम से ये समजाया,
ओ संवारे ओ संवारे, यही है विनती तुमसे ओ बाबा रहना साथ मेरे ओ संवारे ओ संवारे, जब तुम हो
कृष्ण जिन का नाम है, गोकुल जिन का धाम है, ऐसे श्री भगवान् को बारम्बार प्रणाम है। यशोदी जिन की