
पधारो राधा संग सरकार
पधारो राधा संग सरकार,खुले है मन मंदिर के द्वार ॥पधारो राधा संग सरकार॥ यमुना के तट पे मैं दोड़ी आऊ,तेरा
पधारो राधा संग सरकार,खुले है मन मंदिर के द्वार ॥पधारो राधा संग सरकार॥ यमुना के तट पे मैं दोड़ी आऊ,तेरा
अपनी वाणी में अमृत घोलअपनी वाणी में अमृत घोलओ रसना राधे राधे बोलये बोल बड़े अनमोलये बोल बड़े अनमोलओ रसना
पर्दा ना करो पुजारी जी दिखने दो “राधा” प्यारी मेरे पास वक्त कम हैऔर बाते है ढेर सारी कहने दो
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री।श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर त्रिपुरारी, राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर
राधा कौन से पुण्य किये तूने,जो हरी रोज़ तेरे घर आते है ॥॥राधा जब सोलह शृंगार करे,प्रभ दर्पण आप दिखाते
सुनो हे किशोरी सुनो श्यामा प्यारी,मई तुमसे कृपा की नज़र मांगती हू,सुनो हे किशोरी सुनो श्यामा प्यारी,राहु तेरे चरनो की