
आनंद की खोज
केवल मानव जन्म मिल जाना ही पर्याप्त नहीं है अपितु हमें जीवन जीने की कला भी आनी आवश्यक है। पशु-
केवल मानव जन्म मिल जाना ही पर्याप्त नहीं है अपितु हमें जीवन जीने की कला भी आनी आवश्यक है। पशु-
समस्या चाहे कितनी बड़ी क्यों न हो मगर उसका कोई न कोई समाधान तो अवश्य ही होता है। हमें समस्या
“जिसका भी संसार में जन्म हुआ है, उसे एक न एक दिन मरना अवश्य ही है।” यह तो संसार का
क्यों बड़े बुजुर्ग तिथि देख कर आने जाने की रोक टोक करते हैं ? आज की युवा पीढ़ी भले हि
क्या कभी आपने सोचा है कि प्राचीन काल में हमारे बड़े-बड़े ऋषि-महर्षि जमीन पर बैठकर ही भोजन क्यों किया करते
।। नमो आंजनेयम् ।। जीवन में उन्नति के तीन मार्ग कहे गये है- ज्ञान, कर्म और भक्ति। ज्ञान में होश
बेटा घर में घुसते ही बोला,” मम्मी कुछ खाने को दे दो यार बहुत भूख लगी है. यह सुनते ही
वे भाग्यशाली लोग हैं जो 60 पार कर गये। एक जापानी पुस्तक के अनुसार जापान में, डॉ वाडा 60 साल
एक आदमी जंगल से गुज़र रहा था ।उसे चार स्त्रियां मिली ।उसने पहली से पूछा – बहन तुम्हारा नाम क्या
।। श्री: कृपा ।। पूज्य “सद्गुरुदेव” जी ने कहा – आहार का सम्बन्ध न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य से है