भोला को रघुनाथ जी पर विस्वास
एक गाँव में भोला केवट रहता था। वह भोला ही था इसी से उसका नाम भोला पड़ गया था। कोई
एक गाँव में भोला केवट रहता था। वह भोला ही था इसी से उसका नाम भोला पड़ गया था। कोई
श्रीनाथजी एक दिन भोर में अपने प्यारे कुम्भना के साथ गाँव के चौपाल पर बैठे थे ,कितना अद्भुत दृश्य है
कृष्ण भगवान का एक बहुत बड़ा भक्त हुआ लेकिन वो बेहद गरीब था। एक दिन उसने अपने शहर के सब
बैजू निहायत ही सीधा और सरल इन्सान.. सवेरे शाम जानवर चराता और बाकी का समय मंदिर की साफ-सफाई में।.पुजारी बाबा
*एक साधु भिक्षा लेने एक घर में गये । उस घर में माई भोजन बना रही थी और पास में
6 साल पहले, मेरा सबसे बड़ा बेटा घर से गायब हो गया, वह हमेशा की तरह काम पर निकला लेकिन
वृंदावन की एक गोपी रोज दूध दही बेचने मथुरा जाती थी,* एक दिन व्रज में एक संत आये, गोपी भी
बहुत समय पहले की बात है। किसी नगर में एक सेठ रहते थे। उनके पास अपार संपत्ति थी, लंबी-चौड़ी हवेली
(कालावधि 1504-1602,)स्वामी हरिदास जी महाराज की भजन रीति को पानी के द्वारा ‘श्री बिहारिन देव जू’ ने रसिकों के लिए
कहा जाता है कि हनुमान जी के उनकी पत्नी के साथ दर्शन करने के बाद घर में चल रहे पति