नृसिंह जयंती
* नृरसिंह जयंती वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार इसी दिन
* नृरसिंह जयंती वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार इसी दिन
. बाल कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी भगवान श्री कृष्ण की इन लीलाओ का
वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। ऐसा विश्वास जाता है कि यह तिथि सब पापों
वनवास के दौरान माता सीताजी को पानी की प्यास लगी, तभी श्री रामजी ने चारों ओर देखा तो
एक बार वृन्दावन में हमारे मन में अकस्मात इच्छा हुई की हम गंगा स्नान करने जायें। सोमवती अमावस्या
शहर में मंदिर बनने का काम जोर शोर से चल रहा था.. लाखों की तादाद में लोग मंदिर समिति को
कृष्णनगर के पास एक गांव में एक ब्राह्मण रहते थे ।वे ब्राह्मण पुरोहिती का काम करते थे । एक दिन
श्री अयोध्या जी में ‘कनक भवन’ एवं ‘हनुमानगढ़ी’ के बीच में एक आश्रम है जिसे ‘बड़ी जगह’ अथवा ‘दशरथ महल’
एक मन्दिर था। उसमें सभी लोग पगार पर थे। आरती वाला, पूजा कराने वाला आदमी, घण्टा बजाने वाला भी पगार
एक बार सन्त दादू जंगल में विश्राम कर रहे थे। उनके दर्शन के लिए लोग वहाँ भी आने लगे।