सबसे श्रेष्ठ क्या है
एक वृद्ध ऋषि से किसी ने पूछा :”संसार की वस्तुओं में सबसे बड़ी वस्तु क्या है?”ऋषि ने कहा :”आकाश। क्योंकि
एक वृद्ध ऋषि से किसी ने पूछा :”संसार की वस्तुओं में सबसे बड़ी वस्तु क्या है?”ऋषि ने कहा :”आकाश। क्योंकि
यदि हवाएं मौसम की गर्मी समाप्त कर सकती हैं तो विश्वास कीजिए दुआएं भी मुसीबत के पल खत्म कर सकती
सत्संग का अर्थ है,जहाँ भक्त एकत्रित हों जहाँ परमात्मा का गुणगान हो जहाँ एक के आँसू दूसरे के आंसुओं को
मन की मलिनता दो प्रकार की होती है।स्थूल मलिनता साधारण साधन तप,व्रत,अनशन आदि से यह मलिनता दूर होती है,।सूक्ष्म मलिनता
समय और लगन दो ऐसे गुरु है जो भी समय और लगन को मुट्ठी में बांध कर चलता है। लक्ष्य
सुनो गुरु जी सारा खालीपन एक तेरी मौजूदगी से भर जाती हैं सच है तेरे से प्रेम करने में मेरी
आज का प्रभु संकीर्तन।पढ़िएफूल को देख कर खुशी मिले तो समझना सतोगुण काम कर रहा है, फूल को छू कर
स्वस्थ मन और स्वस्थ तन, जगत का है सबसे श्रेष्ठ धन। जितनी इर्षा, जितना गुस्सा, जितनी नेगेटिविटी दिमाग़ में होगी
जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे,कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा । कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो,कहीं आत्मीयता का अभाव
“अगर आप”कुछ”अच्छा”खो सकते हो तो अपनी”इच्छा” “शक्ति” से उससे भी अच्छा पा सकते हो”सत्य” “परेशान” हो सकता पराजित नही हो