कथाएं (Katha)

पुनरपि जननं पुनरपि मरणं,

पुनरपि जननं पुनरपि मरणं,     पुनरपि जननी जठरे शयनम्।इह संसारे बहुदुस्तारे,        कृपयाऽपारे पाहि मुरारेभजगोविन्दं भजगोविन्दं,          गोविन्दं भजमूढमते।नामस्मरणादन्यमुपायं,       नहि पश्यामो भवतरणे ॥

Read More...

लक्ष्मी माता  की कथा

एक ब्राह्मण था रोज पीपल में जल चढ़ाता था। पीपल में से लड़की कहती पिताजी मैं तेरे साथ चलूँगी। ब्राह्मण

Read More...

नगर बसेरे की कथा

                    कार्तिक की कहानी                                     एक जाट का था एक भाट का था। दोनों दोस्त थे। जाट का चला

Read More...

प्रेम कहाँ है

एक साधक ने अपने दामाद को तीन लाख रूपये व्यापार के लिये दिये। उसका व्यापार बहुत अच्छा जम गया लेकिन

Read More...

श्री आनंदी बाई जी

श्रीआनंदी बाई जीश्रीआनंदी बाई जी का मंदिर अठखम्भा पुराने शहर में श्री राधावल्लभ जी के घेरा पुराने मंदिर की दायी

Read More...