भगवत भक्त परम संत नामदेव जी की श्रद्धा भक्ति आत्मसमर्पित भाव,,,,
संत नामदेव जी,, बचपन में अपने ननिहाल में रहते थे,, इनके नाना जी का नाम बामदेव था,, जो ठाकुर जी
संत नामदेव जी,, बचपन में अपने ननिहाल में रहते थे,, इनके नाना जी का नाम बामदेव था,, जो ठाकुर जी
*एक फकीर मरने को था। किसी ने उससे पूछा मरते वक्त कि तुमने किससे सीखा ज्ञान? उसने कहा, बड़ा कठिन
.एक थे राजा सूर्यसेन। वह बहुत बड़े दानी थे। उनका प्रतिदिन का नियम था सवेरे जल्दी उठते नदी में स्नान
वृन्दावन में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह बाँकेबिहारी से असीम प्यार करता था। वह बाँकेबिहारी का इतना दीवाना था
पुराणों के अनुसार, छठ पूजा की शुरूआत रामायण काल में हुई थी। रावण का वध कर जब भगवान श्री राम
परमात्मा या परमात्मा के भेजे गए पार्षद जन्म से ही दिव्य एवं अलौकिक हुआ करते हैं उनकी दिव्यता अलौकिकता आरम्भ
एक व्यक्ति बहुत परेशान था।उसके दोस्त ने उसे सलाह दी कि कृष्ण भगवान की पूजा शुरू कर दो।उसने एक कृष्ण
एक बार की बात है, वृन्दावन में एक संत रहा करते थे. उनका नाम था कल्याण. बाँके बिहारी जी के
वह आदमी भगवानका इंतज़ार करता है, क्योकि उसे अपने जीवन में भगवान के दर्शन प्राप्त करने थे मगर यह सभी जानते
.एक व्यक्ति की नई नई शादी हुई और वो अपनी पत्नि के साथ वापिस आ रहे थे !.रास्ते में वो