माँदुर्गा गायत्री एवं ध्यानमंत्र
यह मंत्र आत्मा की ऊर्जा को शुद्ध करने और माँ दुर्गा के प्रति विश्वास और समर्पण को बढ़ावा देने का
यह मंत्र आत्मा की ऊर्जा को शुद्ध करने और माँ दुर्गा के प्रति विश्वास और समर्पण को बढ़ावा देने का
ԶเधेԶเधे !! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !! ԶเधेԶเधे
धन के अधिपति कुबेर को धनतेरस (त्रयोदशी) के दिन पूजने के विशेष महत्व है। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा के
सावित्री मंत्र-ॐभगवति सावित्रि कं खं घं ड़ं लं तं थं दं धं नं रं क्लीं स्वाहा। इस मंत्र के २४
ऊँ नमो भगवते वासुदेवायशान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥ OM NAMAH SRI
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।। यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि
माता भगवती जगत् जननी दुर्गा जी की साधना-उपासना के क्रम में, नवार्ण मंत्र एक ऐसा महत्त्वपूर्ण महामंत्र है। नवार्ण अर्थात
रुद्र रूप में भगवान शिव के साथ संरेखित करने के लिए रुद्र गायत्री मंत्र का अभ्यास किया जाता है। रुद्र
कष्ट के अनुसार किसी भी एक या तीनों मन्त्रों की नित्य एक या अधिक माला जप करें, अवश्य ही शांति
गायत्री महामंत्र ‘ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।’ यही सच है कि इस दुनिया में