माँ के ममत्व की पराकाष्ठा
गांव के सरकारी स्कूल में संस्कृत की क्लास चल रही थी। गुरूजी दिवाली की छुट्टियों का कार्य बता रहे थे।
गांव के सरकारी स्कूल में संस्कृत की क्लास चल रही थी। गुरूजी दिवाली की छुट्टियों का कार्य बता रहे थे।
हल्दुआ ग्राम में जब सूरज की किरण पड़ती है तो दूर-दूर फैले झोपड़े दिखाई देने लगते हैं मानो वे खेत
लंका प्रवेश के लिए समुंद्र पर सेतु निर्माण के समय भगवान श्रीराम ने रामेश्वरम में महादेव को प्रसन्न करने के
तुलसीदासजी जब रामचरित- मानस लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी सिय राम मय सब जग जानी,करहु प्रणाम जोरी
आज भारतीय सभ्यता ने अपने पुनरुत्थान और प्रस्थान के लिए जिस चरित्र को चुना, वह राम हैं। ऐसा नहीं कि
एवमस्तु कहि रघुकुलनायक। बोले बचन परम सुखदायक॥सुनु बायस तैं सहज सयाना। काहे न मागसि अस बरदाना॥॥एवमस्तु’ (ऐसा ही हो) कहकर
कार्तिक की कहानियाँ 🌹🌻सत्यवान की कहानी🌻🌹 *एक दादी और एक पोती थी, जो रोज सत्यवान की कहानी सुनती थीं। लोटे
।। नमो राघवाय ।। कहहु नाथ सुंदर दोउ बालक।मुनिकुल तिलक कि नृपकुल पालक।। ब्रह्म जो निगम नेति कहि गावा।उभय बेष
ԶเधेԶเधे !! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !! ԶเधेԶเधे
असि रघुपति लीला उरगारी। दनुज बिमोहनि जन सुखकारी॥जे मति मलिन बिषय बस कामी। प्रभु पर मोह धरहिं इमि स्वामी॥॥भावार्थ:-हे गरुड़जी!