
पंचमुखी हनुमानजी की कथा
पंचमुखी हनुमान में है भगवान शंकर के पांच अवतारों की शक्ति! शंकरजी के पांचमुख—तत्पुरुष, सद्योजात, वामदेव, अघोर व ईशान हैं;

पंचमुखी हनुमान में है भगवान शंकर के पांच अवतारों की शक्ति! शंकरजी के पांचमुख—तत्पुरुष, सद्योजात, वामदेव, अघोर व ईशान हैं;

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥ शांति पाठ ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।पूर्णस्य पूर्णमादाय

*हे नाथ! पुत्र, मित्र, गृह, आदि से घिरे हुए संसार-सागर से आप ही मेरी रक्षा करते हैं। आप ही शरणागत

प्रार्थना उसी की सार्थक है जो आत्मा को परमात्मा में घुला देने के लिए व्याकुलता लिए हुए हो। जो अपने

पाट पीताम्बर ओढ़े नीली साड़ी सीस के सिंदूर जाऊं बलिहारी पाट पीताम्बर ओढ़े नीली साड़ी माथे के सिंदूर जाऊं बलिहारी

हे प्रभु हे स्वामी भगवान नाथ मै तुम्हे शिश नवाकर अन्तर्मन से प्रणाम और वन्दन करती हूँ। एक भक्त को

सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत व पूजा विधि वैशाख मास को बहुत ही पवित्र माह माना जाता है, इस माह में

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंबे संत जनों के काज में, करती नहीं विलंब॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि

आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारीमैं नित नित शीश नवाऊ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी। है तेरी छवि अनोखी, ऐसी

* नृरसिंह जयंती वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार इसी दिन