Scriptures

राम अंगुठी

जीवन का अंतिम सत्य भगवान राम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि

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प्रात स्मरण स्तोत्रं

जय  सच्चिदानंद। प्रात: स्मरामि हृदि संस्फुरदात्मतत्त्वंसच्चित्सुखं परमहंसगतिं तुरीयम्।यत्स्वप्नजागरसुषुप्तिमवैति नित्यंतद्ब्रह्म निष्कलमहं न च भूतसंघ:।।१।। भावार्थ-मैं प्रात:काल, हृदय में स्फुरित होते हुए

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जय गणेशकीलक स्तोत्रम्

जय गणेशकीलक स्तोत्रम्- वेदों-पुराणों का मंत्र-तंत्र-स्तुत्ति-स्तोत्र आदि सभी कीलित है, अतः ये सभी निष्प्रभावी होते हैं। उन्हें अपने साधना करने

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