अष्टमूर्त्यष्टक स्तोत्र
। स्कंदपुराण, काशीखण्ड तथा शिवमहापुराण रुद्रसंहिता के अनुसार भृगुनन्दन शुक्र ने काशी में शुक्रेश्वर महादेव की स्थापना की। भगवान् विश्वनाथ
। स्कंदपुराण, काशीखण्ड तथा शिवमहापुराण रुद्रसंहिता के अनुसार भृगुनन्दन शुक्र ने काशी में शुक्रेश्वर महादेव की स्थापना की। भगवान् विश्वनाथ
।। १- मंत्र-ॐ ऐं हुं चतुर्थ स्वाहा।एक माला मूंगा माला से करें। २- मंत्र-ॐ गणेश ऋणं छिंन्दि वरेण्यं हुं नम:
।। नमो राघवाय ।। आजु सुफल तपु तीरथ त्यागू।आजु सुफल जप जोग बिरागू।। सफल सकल सुभ साधन साजू।राम तुम्हहि अवलोकत
हनुमानजी के इन १२ नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने
हरि शरण में सब सशंय मिट जाते हैं। यदि जीवन भर किसी ने भगवान की भक्ति नहीं की, शरण ग्रहण
श्री गणेशाय नमः। ॐ नमो विश्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः।।१।। नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः।।२।। नमः कमलनेत्राय
मंद मंद बारिश होने लगी है। अर्ध रात्रि का समय है। देवकी और वसुदेव के हाथ-पैरो की बेड़ियां खुल गई
कृष्णावतार में भगवान श्रीकृष्ण की ऐश्वर्य-लीलाओं के अनेक प्रसंग आते हैं, जिनमें भक्तों को उनकी ‘भगवत्ता’ का ज्ञान हुआ ।
सुवर्णवर्णसुन्दरं, जो स्वर्ण के समान उज्जवल वर्णसे सुन्दर प्रतीत होते हैं। सितैकदन्तबन्धुरं। एक ही श्वेत दंत के द्वारा मनोहर जान
..! सभी देशवासियों कोश्रीकृष्ण जन्माष्टमी कीहार्दिक शुभकामनाएं ..! ।। ।। रूपं यत्तत्प्राहुरव्यक्तमाद्यंब्रह्मज्योतिर्निर्गुणं निर्विकारम्।सत्तामात्रं निर्विशेषं निरीहंस त्वं साक्षाद्विष्णुरध्यात्मदीपः।।१।। नष्टे लोके द्विपरार्धावसानेमहाभूतेष्वादिभूतं