भगवान विष्णु के १६ नामों का एक छोटा श्लोक प्रस्तुत है
।। जय श्रीहरि भगवान विष्णु ।। भगवान विष्णु के १६ नामों का एक छोटा श्लोक प्रस्तुत है। इसमें मनुष्य को
।। जय श्रीहरि भगवान विष्णु ।। भगवान विष्णु के १६ नामों का एक छोटा श्लोक प्रस्तुत है। इसमें मनुष्य को
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती।। वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने।नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने।आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।।
(अधिकमास में इस स्तोत्र का नित्य पाठ करके अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करें। भगवान श्रीहरि विष्णु आप सभी का मङ्गल करेंगे।)
प्रथमं तु महादेवं द्वितीयं तु महेश्वरम्।तृतीयं शङ्करं प्रोक्तं चतुर्थं वृषभध्वजम्।।१।। पञ्चमं कृत्तिवासं च षष्ठं कामाङ्गनाशनम्।सप्तमं देवदेवेशं श्रीकण्ठं चाष्टमं तथा।।२।। नवमं
(हिंदी काव्य में भाव के साथ करें बहुत ही आनंद दायक और प्रभावी है।) जय शिव शंकर, जय गंगाधर, करुणाकर
कई बार आप सफलता के बेहद करीब होते हैं और अचानक ही सब कुछ आपके हाथ से निकल जाता है।
उत्तर प्रदेश में कृष्ण या गोपाल गोविन्द इत्यादि नामों से जानते हैं राजस्थान में श्रीनाथजी या ठाकुरजी के नाम से
।।श्रीहरिः।। रासलीला के श्रम से व्यथित राधाजी की भगवान् द्वारा यह सेवा किए जाने के कारण इस स्थान का नाम
संतो की कृपा जिस पर हो जाए उसे फिर क्या नहीं मिल सकता, अकबर जैसे बादशाह पर कृपा हुई तो
विविध जनश्रुतियों एवं कपोल कल्पित तथा मनगढ़न्त कथाओं के आधार पर नित नई कहानियाँ खड़ी होती रहती हैं। इनमें से