
श्रीभद्रलक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्र
“ॐ ह्रीं श्रींं ऐं क्लीं सौ: श्रीभद्रलक्ष्म्यै नमः।” श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयममृतोद्भवा।तृतीयं कमला प्रोक्ता चतुर्थं लोकसुन्दरी।।१।। पञ्चमं विष्णुपत्नी च षष्ठं

“ॐ ह्रीं श्रींं ऐं क्लीं सौ: श्रीभद्रलक्ष्म्यै नमः।” श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयममृतोद्भवा।तृतीयं कमला प्रोक्ता चतुर्थं लोकसुन्दरी।।१।। पञ्चमं विष्णुपत्नी च षष्ठं

धन के अधिपति कुबेर को धनतेरस (त्रयोदशी) के दिन पूजने के विशेष महत्व है। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा के

धनतेरस महापर्व कीहार्दिक शुभकामनाएं.!आप सभी स्नेहीजनोंके ऊपर माँ लक्ष्मी कीकृपा सदैव बनी रहे…! श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयं अमृत्तोद्भवा।तृत्तीयं कमला प्रोक्ता

श्रीसूक्त पाठ के बाद लक्ष्मी सूक्तम पाठ आवश्यक है। नहीं तो श्रीसूक्त का प्रभाव कम रहता है। ध्यानम्-सहस्रदलपद्मस्थकर्णिकावासिनीं पराम्।शरत्पार्वणकोटीन्दुप्रभामुष्टिकरां पराम्।।

सर्वारिष्टनिवारकं शुभकरं पिङ्गाक्षमक्षापहं,सीतान्वेषणतत्परं कपिवरं कोटीन्दुसूर्यप्रभम्। लंकाद्वीपभयंकरं सकलदं सुग्रीवसम्मानितं,देवेन्द्रादिसमस्तदेवविनुतं काकुत्स्थदूतं भजे।।१।। ख्यातः श्रीरामदूतः पवनतनुभवः पिङ्गलाक्षः शिखावन्,सीताशोकापहारी दशमुखविजयी लक्ष्मणप्राणदाता। आनेता भेषजाद्रेर्लवणजलनिधेः लङ्घने

परमेश्वर से मिलन मनुष्य-जन्म में ही संभव है परमात्मा ने सिर्फ इन्सान को ही यह सोभाग्य दिया है यह मनुष्य-शरीर

सावित्री मंत्र-ॐभगवति सावित्रि कं खं घं ड़ं लं तं थं दं धं नं रं क्लीं स्वाहा। इस मंत्र के २४

एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया । राजा भोज की दृष्टि उस पर पड़ी

ऊँ नमो भगवते वासुदेवायशान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥ OM NAMAH SRI

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।। यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि