Scriptures

ॐ को “प्रथम ध्वनि”

ॐ यानी ओम, जिसे “ओंकार” या “प्रणव” भी कहा जाता है। देखें तो सिर्फ़ ढाई अक्षर हैं, समझें तो पूरे

Read More...

श्रीधनलक्ष्मी स्तोत्रम्

धनदा उवाच।देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्।।१।। देव्युवाच।ब्रूहि वल्लभ साधूनां दरिद्राणां कुटुम्बिनाम्।दरिद्र दलनोपायमंजसैव धनप्रदम्।।२।। शिव उवाच।पूजयन् पार्वतीवाक्यमिदमाह

Read More...

श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्

ईश्‍वर उवाचशतनाम प्रवक्ष्यामि श्रृणुष्व कमलानने।यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती।।१।। ॐ सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी।आर्या दुर्गा जया चाद्या त्रिनेत्रा

Read More...

श्री चिदम्बरेश्वरस्तोत्रम्

।। ।। ॐ कृपासमुद्रं सुमुखं त्रिनेत्रंजटाधरं पार्वतीवामभागम्।सदाशिवं रुद्रमनन्तरूपंचिदम्बरेशं हृदि भावयामि।।१।। वाचामतीतं फणिभूषणाङ्गंगणेशतातं धनदस्य मित्रम्।कन्दर्पनाशं कमलोत्पलाक्षंचिदम्बरेशं हृदि भावयामि।।२।। रमेशवन्द्यं रजताद्रिनाथंश्रीवामदेवं भवदुःखनाशम्।रक्षाकरं

Read More...

श्रीआञ्जनेय नवरत्नमाला स्तोत्रम् ।।

माणिक्यं ततो रावणनीतायाः सीतायाः शत्रुकर्शनः। इयेष पदमन्वेष्टुं चारणाचरिते पथि।। (यह सुन्दरकाण्ड का पहला श्लोक है, रत्न- माणिक, ग्रह- सूर्य) तब

Read More...