
नाम-जप ही प्रधान साधन…….
नाम-जप ही प्रधान साधन……. मन न लगे तो नाम-भगवान् से प्रार्थना करनी चाहिए ‘हे नाम-भगवान् ! तुम दया करो, तुम्हीं

नाम-जप ही प्रधान साधन……. मन न लगे तो नाम-भगवान् से प्रार्थना करनी चाहिए ‘हे नाम-भगवान् ! तुम दया करो, तुम्हीं

गजाननाय गांगेय सहजाय सर्दात्मने।गौरी प्रियतनूजाय गणेषयास्तु मंगलम।।१।। नागयज्ञोपवीताय नतविध्न विनाशिने।नन्द्यादिगणनाथाय नायाकायास्तु मंगलम।।२।। इभवक्त्राय चंद्रादिवन्दिताय चिदात्मने।ईशान प्रेमपात्राय चेष्टादायास्तु मंगलम।।३।। सुमुखाय सुशुन्डाग्रोक्षिप्तामृत

सनातनधर्म में श्रीरामचरितमानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि इसके चरित्र और पात्र आदर्श व्यावहारिक जीवन के सूत्रों और संदेशों

दशरथ वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या के रघुवंशी (सूर्यवंशी) राजा थे। वे राजा अज व इन्दुमतीके के पुत्र थेे तथा

🌹 जय श्री श्याम जी 🌹 हाथ जोड़कर विनति करूसुनियो चित्त लगाये,दास आ गयो शरण मेराखियो इसकी लाज। धन्य ढूंढारो

श्रील प्रभु जब आप जप करते हैं तो आपका मन पूरे ब्रह्मांड में भटक रहा होता है।फिर भी जप करो!

💝🚩॥ ….👉……….🚩💝 एक बार अवश्य पढ़िए ॐ का जप करते समय 108 प्रकार की विशेष भेदक ध्वनि तरंगे उत्पन्न होती

अगर रोग में औषधि और पथ्य के साथ साथ इन मंत्रों का उपयोग करने से जल्दी लाभ होता है। 1-

सीता गायत्रीमंत्र से बढ़ती है तप की शक्ति- ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे भूमिजायै धीमहि। तन्नो सीता प्रचोदयात्।। ब्रह्ममहेन्द्रसुरेन्द्रमरुद्गण रुद्रमुनीन्द्रगणैरतिरम्यं,क्षीरसरित्पतितीरमुपेत्य नुतं हि

साक्षात ब्रह्म जमाता के रूप में….दूल्हे के स्वरूप में भगवान का आदर सत्कार। कितना विहंगम दृश्य है,प्रभु के साक्षात चरण