
भगवान नृसिंह के प्राकट्योत्सव की शुभकामनाएं
सभी देशवासियों कोभगवान विष्णु के अवतारभगवान नृसिंह के प्राकट्योत्सवदिनांक ०४ मई २०२३ ईसबीकी असीम शुभकामनाएं…! ।। श्रीनृसिंह कवच स्तोत्र ।।

सभी देशवासियों कोभगवान विष्णु के अवतारभगवान नृसिंह के प्राकट्योत्सवदिनांक ०४ मई २०२३ ईसबीकी असीम शुभकामनाएं…! ।। श्रीनृसिंह कवच स्तोत्र ।।

।। नमो राघवाय ।। भगवान श्रीराम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि

1. वाक् सिद्धि : जो भी वचन बोले जाए वे व्यवहार में पूर्ण हो, वह वचन कभी व्यर्थ न जाये,
दुर्जन को सज्जन बनाने की कला क्या ❓ शत्रु को मित्र बनाने की कला ❓ *पापी को पुण्य आत्मा बनाने

गणितज्ञ “लीलावती” का नाम हममें से अधिकांश लोगों ने नहीं सुना है, उनके बारे में कहा जाता है कि वो

“पीली साड़ी गले में कृष्ण भगवान की कंठमाला…, आज के युग की यशोदा मां” 🙏शायद आप लोग इन्हें नहीं जानते

आज मै आपको भगवान शरभेश्वर की कथा सुनाता हूं, जो शिव महापुराण ‘शत रूद्र संहिता’ में वर्णित है।जब भगवान विष्णु
।।श्रीहरिः।। नामजप से जो लाभ होता है वह वर्णनातीत है।मुझे लगता है शास्त्रों और संतों ने जो नाम महिमा का

दक्षिण में एक भक्त हुए उनका नाम धनुदास था। प्रारम्भ में वे हेमाम्बा नाम की वेश्या के रूप पर मुग्ध

मेरे सांवरे नित्त ध्यान धरूँ चित्त से हित से,उर गोविन्द के गुण गाया करूँ।वृंदावन धाम में श्याम सखा,मन ही मन