
सूर्य भगवान की ये पौराणिक कथा
पढ़िए सूर्य भगवान की ये पौराणिक कथा, दूर होंगे सारे कष्टप्राचीन काल की बात है। एक बुढ़िया थी जो नियमित

पढ़िए सूर्य भगवान की ये पौराणिक कथा, दूर होंगे सारे कष्टप्राचीन काल की बात है। एक बुढ़िया थी जो नियमित

अगर विवाह में विलंब हो रहा है या कोई बाधा आ रही है या फिर योग्य जीवनसाथी नहीं मिल पा

गतांक से आगे – श्रीवृन्दावन में पहुँच कर रात्रि में यमुना तट पर गौरा ने विश्राम किया था…यमुना जल और

गतांक से आगे – कलकत्ता रेल मार्ग से मथुरा पहुँचीं थीं गौरा ….कलकत्ता और नवद्वीप के शताधिक भक्त थे …उनके

– अल्लाहो अकबर …अल्लाहो अकबर ….. ये क्या हो गया है बाबा ! हमारे सुन्दर “ढाका” को किसकी नज़र लग

गतांक से आगे – माता के बिना बालिका गौरा का पालन पोषण उसके पिता क्षितिश चन्द्र चक्रवर्ती कर रहे थे

गोपेश्वर महादेव के निकट ही ये बाई रहती थी…बंगाली शरीर …”भजनाश्रम” में कीर्तन करके अपना जीवन यापन किया …आज सुबह

नमो जय जय श्री कमलवासिनीआद्यामहालक्ष्मी करूँ माता तव ध्यान |सिद्ध काज मम किजियेनिज शिशु सेवक जान ||चौपाई ———श्री मह लक्ष्मी

णमो अरिहंताणं- मैं अरिहंतों को नमन करता हूँ। णमो सिद्धाणं- मैं सिद्धों को नमन करता हूँ। णमो आयरियाणं- मैं आचार्यो

।। ।।(महारुद्र) यहां हनुमानजी के पंचमुख का रहस्य, सरल पूजा विधान ओर पंचवक्त्र स्तोत्र हिंदी भावार्थ के साथ प्रस्तुत कर