
श्रीमदभागवतमहापुराण में भगवन्नाम महिमा ( पोस्ट 15 )
गत पोस्ट से आगे ……….यम और यमदूतों का संवादश्रीशुकदेवजी कहते हैं – जब दूतों ने इस प्रकार प्रश्न किया, तब

गत पोस्ट से आगे ……….यम और यमदूतों का संवादश्रीशुकदेवजी कहते हैं – जब दूतों ने इस प्रकार प्रश्न किया, तब

अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पे काबू रखना……. रामायण का एक छोटा सा वृतांत है, उसी से शायद

गत पोस्ट से आगे………..विष्णुदूतों द्वारा भागवतधर्म – निरूपण औरअजामिल का परमधामगमन श्रीशुकदेवजी कहते हैं – परीक्षित ! उन भगवान के

गत पोस्ट से आगे………..विष्णुदूतों द्वारा भागवतधर्म – निरूपण औरअजामिल का परमधामगमन मैंने जो अभी अद्भुत दृश्य देखा, क्या वह स्वप्न

गत पोस्ट से आगे………विष्णुदूतों द्वारा भागवतधर्म – निरूपण औरअजामिल का परमधामगमन यमदूतो ! जैसे जान या अनजान में ईंधन अग्नि

भक्ति-मार्ग की आचार्य गोपियाँ है. उनका आदर्श मन और आँखों के सामने रखो.ज्ञानमार्ग से योगमार्ग से जिस ईश्वर का आनंद

घर में रहकर भी श्रीभगवान का दर्शन हो सकता है। गोपियों को घर में ही भगवान के दर्शन हुए है।गोपियाँ

कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। इसे अहोई आठे के नाम से

श्री हरि: गत पोस्ट से आगे……….. विष्णुदूतों द्वारा भागवतधर्म – निरूपण औरअजामिल का परमधाम गमन बड़े-बड़े ब्रह्मवादी ऋषियों ने पापों

एक सुंदर प्रसंग हरीराम बनारस में गुलाब की पत्तियों को पीसकर गुलकंद बनाने का काम करता था ।बनारस में उसकी