
शनि देवता के बारे में(ज्योतिष)
यह लेख ज्योतिष प्रयोग में शनि एवं शनि देवता के बारे में है। अन्य प्रयोग हेतु के लिए, शनि देखें।शनि

यह लेख ज्योतिष प्रयोग में शनि एवं शनि देवता के बारे में है। अन्य प्रयोग हेतु के लिए, शनि देखें।शनि

श्री हरि: गत पोस्ट से आगे………..श्रीशुकदेवजी कहते हैं – परीक्षित ! जब यमदूतों ने इस प्रकार कहा, तब भगवान् नारायण

.अयोध्या के बहुत निकट ही पौराणिक नदी कुटिला है – जिसे आज टेढ़ी कहते हैं, उसके तट के निकट ही

श्री हरि: गत पोस्ट से आगे………..वह मूर्ख इसी प्रकार अपना जीवन बिता रहा था कि मृत्यु का समय आ पहुँचा

भगवान् का प्रकट होकर गोपियों को सान्त्वना देना भगवान की प्यारी गोपियाँ विरह के आवेश में इस प्रकार भाँति-भाँति से

श्री हरि: गत पोस्ट से आगे………..परीक्षित ! पापी पुरुष की जैसी शुध्दि भगवान् को आत्मसमर्पण करने से और उनके भक्तों

. (अन्तिम) महारास गोपियाँ भगवान की इस प्रकार प्रेम भरी सुमधुर वाणी सुनकर जो कुछ विरहजन्य ताप शेष था, उससे

भगत कबीर जी की बेटी की शादी का समय नजदीक आ रहा था।सभी नगर वासीयों में काना फूसी चल रही

अन्न के सम्मान का संदेश है नवरात्रि पूजा में जवारे बोना नवरात्रि के दिनों में जवारों की पूजा का बहुत

. गोपिकागीत गोपियाँ विरहावेश में गाने लगीं–‘प्यारे! तुम्हारे जन्म के कारण वैकुण्ठ आदि लोकों से भी व्रज की महिमा बढ़