
आरती करिये सियावर की
आरती करिये सियावर की, अवधपति रघुवर सुंदर की, जगत में लीला विस्तारी कमल दल लोचन हितकारी , मुख पर अलके

आरती करिये सियावर की, अवधपति रघुवर सुंदर की, जगत में लीला विस्तारी कमल दल लोचन हितकारी , मुख पर अलके

“भक्तो का संसार हैभक्ति मे ही शक्ति है शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्,प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये। भगवान विष्णु आकाश में विराजमान हैं

त्रिभंग ललित छवि के सबसे लाडले और स्वरूप में सबसे छोटे ठाकुर श्री राधा रमण लाल जी महाराज इनके प्रकट

.एक राजा था। एक बार वह सैर करने के लिए अपने शहर से बाहर गया।लौटते समय देर हो गई तो

श्री गणेश चतुर्थी व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव तथा माता पार्वती नर्मदा नदी के किनारे

एक समय की बात है कि विष्णु भगवान का विवाह लक्ष्मीजी के साथ निश्चित हो गया। विवाह की तैयारी होने

एक समय की बात है राजा हरिश्चंद्र के राज्य में एक कुम्हार था। वह मिट्टी के बर्तन बनाता, लेकिन वे

संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत करने से घर-परिवार में आ रही विपदा दूर होती है, कई दिनों से रुके मांगलिक कार्य

एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का

बूंदी नगर में रामदासजी नाम के एक बनिया थे, वे व्यापार करने के साथ-साथ भगवान की भक्ति-साधना भी करते थे