
दान
शहर में मंदिर बनने का काम जोर शोर से चल रहा था.. लाखों की तादाद में लोग मंदिर समिति को
शहर में मंदिर बनने का काम जोर शोर से चल रहा था.. लाखों की तादाद में लोग मंदिर समिति को
कृष्णनगर के पास एक गांव में एक ब्राह्मण रहते थे ।वे ब्राह्मण पुरोहिती का काम करते थे । एक दिन
आरति श्रीरामायण जी की । कीरति कलित ललित सिय पी की ॥ गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद । बालमीक बिग्यान बिसारद
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे |भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे |
श्री अयोध्या जी में ‘कनक भवन’ एवं ‘हनुमानगढ़ी’ के बीच में एक आश्रम है जिसे ‘बड़ी जगह’ अथवा ‘दशरथ महल’
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ऊं जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।मांग सिन्दूर
ओम जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा । ॐ जय शिव ओंकारा ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्टदलन रघुनाथ कला की ॥ जाकें डर से गिरिवर काँपे । रोग दोष जाके निकट
सीया-रघुवर जी की आरती, शुभ आरती कीजिये -२सीस मुकुट काने कुण्डल शोभे -२राम लखन सीय जानकी, शुभ आरती कीजियेसीया-रघुवर जी
हे प्रभु प्राण नाथ हे परमात्मा मै तुम्हारे ह्दय के अन्दर में बैठ जाऊगी ।हे परमात्मा मैने तो अपना दिल