
भगवान को पुकारता
हे प्रभु हे स्वामी भगवान नाथ मै तुम्हे शिश नवाकर अन्तर्मन से प्रणाम और वन्दन करती हूँ। एक भक्त को
हे प्रभु हे स्वामी भगवान नाथ मै तुम्हे शिश नवाकर अन्तर्मन से प्रणाम और वन्दन करती हूँ। एक भक्त को
भगवान प्रेम में समाए हुए है। प्रेम से ही प्रकट होते हैं। कोई भी भक्त भगवान् से, बार बार विनती
जब जब देश पर विपत्ति आई है माताओं और बहनों ने दिन रात भगवान से प्रार्थना की है कि हे
हम भगवान का नाम जप कीर्तन करते हुए चिन्तन में अपना मन लगा देते हैं। भगवान का ध्यान धरते हुए
परम पिता परमात्मा को प्रणाम है ।दिल की धड़कन प्रभु प्राण नाथ को पुकारती है ।प्राण नाथ का प्रेम दिल
प्रभु को बाहर कहा खोजोगे प्रभु अन्दर बैठा प्राणी में सांस भरता है। अ प्राणी तुझे प्रभु प्राण नाथ की
हे परम पिता परमात्मा तुम्हें किस विधि नमन करू मेरे स्वामी हे भगवान नाथ आज दिल में तङफ पैदा हो
सच्चे भक्त के दिल की एक ही पुकार होती है कि किस प्रकार मेरे स्वामी भगवान् नाथ का मै बन
हे प्रभु प्राण नाथ हे परमात्मा मै तुम्हारे ह्दय के अन्दर में बैठ जाऊगी ।हे परमात्मा मैने तो अपना दिल
जिसे झुककर नमन करके चलना आ गया वही आत्म समर्पण कर सकता है। जो भगवान को भजते भजते गोण हुआ