
भगवान शिव की स्तुति
जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे…! जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे, जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार
जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे…! जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे, जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार
हम प्रतिदिन भगवान की पूजा करते है,लेकिन उस पूजा में हम भगवान से सांसारिक सुखों को भोगने की ही प्रार्थना
नाम-जप ही प्रधान साधन……. मन न लगे तो नाम-भगवान् से प्रार्थना करनी चाहिए ‘हे नाम-भगवान् ! तुम दया करो, तुम्हीं
सनातनधर्म में श्रीरामचरितमानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि इसके चरित्र और पात्र आदर्श व्यावहारिक जीवन के सूत्रों और संदेशों
जय श्री श्याम जी
हाथ जोड़कर विनति करूसुनियो चित्त लगाये,दास आ गयो शरण मेराखियो इसकी लाज। धन्य ढूंढारो
मैं हूँ मेरी तन्हाई हैं और ख्यालों मे तुम हो,मुस्कुराती तुम्हारी बातें और होंठों की हंसी तुम हो नींद मे
।। नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः।।१।। नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः।।२।। नमः कमलनेत्राय नमः कमलमालिने।नमः कमलनाभाय
हे स्वामिनी राधे, कब ऐसी घड़ी आएगी,जब मैं आपके श्री चरणों की सेवा का सौभाग्य पाऊंगी , आप सिंघासन पर
।। (गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित विनयपत्रिका से) गाइये गनपति जगजगबंदन।संकर-सुवन भवानी-नंदन।। सिद्धि-सदन, गज-बदन, बिनायक।कृपा-सिंधु, सुन्दर, सब लायक।। मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।। माँगत
आज का भगवद चिंतन।भगवान श्री कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि इस भौतिक संसार के प्रत्येक पदार्थ में मैं