
हे कृष्ण…
तेरे पावन अहसासों सेपुलकित जीवन सारासांसारिक प्रेम परेपावन प्रीत हमारासमर्पित तूझ पर हीअब जीवन साराअंजुरी में लिये पुष्प प्रेमका खड़ी
तेरे पावन अहसासों सेपुलकित जीवन सारासांसारिक प्रेम परेपावन प्रीत हमारासमर्पित तूझ पर हीअब जीवन साराअंजुरी में लिये पुष्प प्रेमका खड़ी
आज मैने मेरे स्वामी भगवान् नाथ श्री हरि से जिन्हें मैं हर क्षण हदय में बिठाकर नैनो को बन्द कर
प्रार्थना में वाकई बहुत शक्ति होती है. अगर आप इसके जरिए अपनी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो जरूरी है
प्रभु कितने दयालु हैं , कितने कृपालु हैं और कितने करुणामय हैं कि हर पल जीव पर अपने अहैतुकी कृपा
‘हे भारत ! तू सर्वभाव से उस परमात्मा की शरण जा, उसकी कृपा से तू परम शान्ति को, अविनाशी स्थान
भक्त की भक्ति के विरह और मिलन दो अधार स्तम्भ है। भक्त के दिल को कुछ दिन ऐसा अहसास
भगवान मुझे अपना लो हे स्वामी भगवान नाथ आप मेरी ओर कब नज़र करोगे। मेरे स्वामी भगवान नाथ तुम हो
भगवान से प्रार्थना करते हुए कहता है कि अहो आज मेरे प्रभु प्राण नाथ दिखाई क्यो नहीं देते हैं। भगवान्
भगवान का नाम भजते रहो भगवान से प्रार्थना करते रहो मेरे प्रभु मेरे स्वामी मेरे भगवान हे बिहारी जी इस
भक्त भगवान का चिन्तन मनन करते हुए भगवान का बन जाना चाहता है। अपने इष्ट का ध्यान करना अपने भगवान