बोध कथा (Bodh Katha)

अजन्म सदा जहाँ जन्मलियो,

अजन्म सदा जहाँ जन्मलियो,भवसिन्धु परे नहीं जीव बिचारो।चोर बनो जग को रचतावन,रक्षक हूँ जु सँहारन हारो॥निसकर्म सुनों श्रुति सो जिहि

Read More...

भक्तवत्सल भगवान

               कान्हा नामका एक भंगी था  वह नाली साफ करनेका काम किया करता था | वह भगवान् श्रीकृष्णसे बहुत प्रेम करता

Read More...

प्राण जीवन शक्ति

प्राण का शाब्दिक अर्थ है “जीवन शक्ति। ” यह वह ऊर्जा है जिसकी हमें सांस लेने, बात करने, चलने, सोचने,

Read More...

चातुर्मास महात्म्य

चातुर्मास में वर्ष के चार महीने आते हैं- सावन, भादों, क्वार, कार्तिक। (श्रावण, भाद्र, अश्विन, कार्तिक-मास) चातुर्मास से जुड़ी पौराणिक

Read More...

वृन्दावन की महिमा

सुनती हूं वृंदावन की याद सबको आ रही लेकिन क्या वास्तव में आ रही है वृन्दावन की महिमा तभी है

Read More...

ऐश्वर्य का बन्धन

एक बहुत ही मशहूर महात्मा थे। उनके पास रोज ही बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने आते थे। एक बार

Read More...