
संत बनना सहज नहीं
रोजन गाँवमें एक ब्राह्मण नित्य बात-बातपर पत्नी से झगड़ता और जब-तब कहता नहीं मानोगी तो संतोबा पवारके पास चला जाऊँगा;

रोजन गाँवमें एक ब्राह्मण नित्य बात-बातपर पत्नी से झगड़ता और जब-तब कहता नहीं मानोगी तो संतोबा पवारके पास चला जाऊँगा;

अलबर्ट आइंस्टीनने हमारे जगत्का चित्र ही बदल दिया। परमाणु युग, वह चाहे हमारे वृद्धि या विनाश जिस किसीका भी हेतु

‘इंगलैंड नैपोलियन बोनापार्टकी निरंकुशता नहीं सह सकता है। माना, फ्रेंच क्रान्तिकारियोंने समता, स्वतन्त्रता और बन्धुताका प्रकाश फैलाया, पर नैपोलियनने अपनी

श्रीमहादेव गोविन्द रानडेके यहाँ एक दिन उनके अ किसी मित्रने आम भेजे। श्रीरानडेकी पत्नी रमाबाईने वे आम धोकर, बनाकर रानडेके

सिकन्दरने किसी कारणसे अपनी सेनाके एक सेनापतिसे रुष्ट होकर उसे पदच्युत करके सूबेदार बना दिया। कुछ समय बीतनेपर उस सूबेदारको

पहले समयकी बात है। एक धनी नवयुवक राजपथपर टहल रहा था। उसने रोने और सिसकनेकी आवाज सुनी और वह एक

सादगी विश्वके सबसे बड़े कार-कारखानेके मालिक और अमेरिकाके अरबपती उद्यमी हेनरी फोर्ड अत्यन्त सादगी पसन्द थे। धन सम्पन्नताकी अतिके बावजूद

काशीके राजा ब्रह्मदत्तके राज्यमें एक ब्राह्मण रहता था – धर्मपाल । उसमें नामके अनुसार ही गुण थे। यहाँतक कि उसके

श्वेत नीलकण्ठका रहस्य एक किसानको विरासत खूब धन-सम्पत्ति मिली। वह दिनभर खाली बैठा हुक्का गुला और गम होता रहता। रिश्तेदार

पिताने अपने नन्हे से पुत्रको कुछ पैसे देकर बाजार भेजा फल लानेके लिये। बच्चेने रास्तेमें देखा, कुछ लोग, जिनके बदनपर