
धनका सदुपयोग
भगवान् बुद्धके पहले जन्मकी बात है। उस समय वे बोधिसत्त्व अवस्थामें थे। उन्होंने एक समृद्ध घरमें जन्म लिया था। अपनी

भगवान् बुद्धके पहले जन्मकी बात है। उस समय वे बोधिसत्त्व अवस्थामें थे। उन्होंने एक समृद्ध घरमें जन्म लिया था। अपनी

पहले काशीमें माण्टि नामके एक ब्राह्मण रहते थे। उनके कोई पुत्र न था । अतएव उन्होंने सौ वर्षोंतक भगवान् शङ्करकी

स्काटलैंडके लोगोंने इंगलैंडके राजाके विरुद्ध विद्रोह किया। विद्रोहके असफल हो जानेपर विद्रोहियोंको बड़ी निर्दयतापूर्वक दण्डित किया गया। लोग कतार में

युद्ध समाप्त हुआ। एक-एक करके सभी राजपूत कट मरे ! परंतु किसीने दीनतायुक्त पराधीनता स्वीकार न की दूसरी ओर किलेमें

मिरजका अधिकारी दिलेलखान रातमें गश्त लगाता जयराम स्वामीके कीर्तनमें पहुँचा। स्वामीने कहा- ‘साधुके रास्तेसे जानेपर तत्काल रामका दर्शन मिलता है।’

बोधकथापरक नीति-साहित्य (डॉ0 श्रीसूर्यमणिजी शास्त्री, एम0 ए0, साहित्याचार्य, पी-एच0 डी0 ) मानव जीवनमें नीतिशास्त्रका महत्त्वपूर्ण स्थान है। मानवको मानवता जन्मसे

भक्त नीलन्-तिरुमंगैयाळवार भगवान् के दास्यभावके उपासक थे। ये वाणविद्यामें अत्यन्त कुशल और योद्धा थे चोदेशके राजाने इनकी वीरतासे प्रभावित होकर

दासताके विरुद्ध विश्वविख्यात लेखिका हैरियट स्टोने अपना प्रसिद्ध उपन्यास ‘अंकल टॉम्स केबिन’ (टॉम काकाकी कुटिया) किन परिस्थितियोंके बीच लिखा, यह

[2] मर्यादाके त्यागसे अपमान एक जगह बहुत-से मोरके पंख पड़े हुए थे। एक कौएने उन्हें देखकर मन-ही-मन सोचा-यदि मैं इन

बेलगाँव जिले (दक्षिण कर्नाटक) के मुरगोड़ स्थानके चिदम्बर दीक्षित सनातन वैदिक धर्मके बहुत बड़े उद्धारक, भक्ति-ज्ञानके प्रसारक और प्रेम, सेवा