
लक्ष्मीका वास किस घरमें होता है
लक्ष्मीका वास किस घरमें होता है ? एक सेठजी रात्रिमें सो रहे थे। स्वप्नमें उन्होंने देखा कि लक्ष्मीजी कह रही

लक्ष्मीका वास किस घरमें होता है ? एक सेठजी रात्रिमें सो रहे थे। स्वप्नमें उन्होंने देखा कि लक्ष्मीजी कह रही

भगवद्विधान अमोघ होता है दैत्यमाता दितिके दोनों पुत्र हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु मारे जा चुके थे। इन्द्रकी प्रेरणा भगवान् विष्णुने वाराह

अर्जुनमाली बड़ी श्रद्धापूर्वक एक यक्षकी नित्य | 1 पूजा करता था। एक दिन उसने जैसे ही पूजा समाप्त की, छः

एक महात्मा एक स्कूलके आगे रहा करते थे। एक दिन स्कूलके लड़कोंने उनको तंग करनेकी सोची। बस, एक लड़का आकर

गरमीके दिन थे, धूप तेज थी, पृथ्वी जल रही थी। महाराज भोजके राजकवि किसी आवश्यक कार्यको सम्पन्न करके नगरकी ओर

सर प्रभाशङ्कर पट्टनी लंदनकी सहकपर पैदल निकले थे। भारतीय वेश, लंबी दाढ़ी और हाथमें मोटा सोटा लिये यह भारतीय बुड्डा

एक व्यापारीके दो पुत्र थे। एकका नाम था धर्मबुद्धि, दूसरेका दुष्टबुद्धि । वे दोनों एक बार व्यापार करने विदेश गये

हनुमान्जीके द्वारा सीताके समाचार सुनकर भगवान् | श्रीराम गगद होकर कहने लगे- ‘हनुमान् ! देवता, मनुष्य मुनि आदि शरीरधारियोंमें कोई

महान संत श्रीविष्णुचित पेरियार बाल्यकालमे हो भगवद्भक्तिके चिह्न दीखने लगे थे यज्ञोपवीत संस्कार होनेके बाद ही बालकने बिना जाने-पहचाने अपना

रामदुलाल सरकार कलकत्ता हटखोलाके दत्तबाबुओंके यहाँ नौकरी करते। वेतन था पाँच रुपये मासिक । वे अपने मालिकोंके बड़े कृपापात्र थे।