
दानका अनुपम उदाहरण
दानका अनुपम उदाहरण एक दिन किसी बुढ़ियाने एक दरवाजेपर भीखके लिये याचना की। एक बालकने आकर बुढ़िया की दयनीय दशा

दानका अनुपम उदाहरण एक दिन किसी बुढ़ियाने एक दरवाजेपर भीखके लिये याचना की। एक बालकने आकर बुढ़िया की दयनीय दशा

अब्राहम लिंकनकी सच्चाई अमेरिकाके राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन बचपनमें एक चायकी दुकानमें नौकरी करते थे। एक दिनकी बात है, मोहल्लेकी महिला

भारद्वाज नामका एक ब्राह्मण भगवान् बुद्धसे दीक्षा लेकर भिक्षु हो गया था। उसका एक सम्बन्धी इससे अत्यन्त क्षुब्ध होकर तथागतके

एक बार एक पुण्यात्मा गृहस्थके घर एक अतिथि आये उसके शरीरपर सारे कपड़े काले थे। गृहस्थने तनिक खिन्नतासे कहा- तुमने

स्वतन्त्र भारतके अन्तिम नरेश पृथ्वीराज युद्धभूमि में पड़े थे। उन्हें इतने घाव लगे थे कि अपने स्थानसे वे न खिसक

कन्नौजके महामहिम शासक महाराज हर्षकी कृपासे मातृगुप्तका काश्मीरके सिंहासनपर राज्याभिषेक हुआ मातृगुप्तकी उदारता, काव्यप्रियता और दानशीलतासे आकृष्ट होकर बड़े-बड़े विद्वानों,

“महाराज! आपका पैदल जाना कदापि उचित नहीं है। रास्ता ऊखड़-खाबड़ है तथा शान्तिपुरसे नीलाचलतक पैदल जानेसे स्वास्थ्य बिगड़ जायगा।’ शिष्योंने

एक मुसलमान फकीर थे हाजी महम्मद। वे साठ बार मकाशरीफ हज कर आये थे और प्रतिदिन पाँचों वक्त नियमसे नमाज

हमारी गलत चालें भगवान्की नजरमें यहूदी सन्त सिम्शा बनेन अपने पड़ोसीके पापपूर्ण जीवनको देखकर बहुत दुखी होते थे। उनके पड़ोसीको

एक बार भगवान् श्रीकृष्णचन्द्र अपने सम्पूर्ण 18 परिवार परिकर आदिके साथ सिद्धाश्रम तीर्थमें स्नान करने गये। दैवयोगसे श्रीराधिकाजी भी वहाँ