
दृष्टिका भेद
दृष्टिका भेद एक चित्रकार था। उसने एक सुन्दर रंगीन चित्र तैयार किया। वह अपने चित्रको लेकर विनोबाजी के पास पहुँचा।

दृष्टिका भेद एक चित्रकार था। उसने एक सुन्दर रंगीन चित्र तैयार किया। वह अपने चित्रको लेकर विनोबाजी के पास पहुँचा।

[4] करनीका फल एक कुत्ते और एक मुर्गे के बीच बड़ा प्रेम था। एक दिन दोनों साथ मिलकर घूमनेको गये।

घट-घट – व्यापक राम पंजाब में बुल्लेशाह नामक एक सन्त हो गये हैं। उनका गुरु एक माली था। एक दिन

एक किसानके बगीचेमें अंगूरका पेड़ था। उसमें प्रत्येक वर्ष बड़े मीठे-मीठे अंगूर फलते थे। किसान बड़ा परिश्रमी, संतोषी और सत्यवादी

दैत्यमाता दितिके दोनों पुत्र हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु मारे जा चुके थे देवराज इन्द्रकी प्रेरणासे भगवान् विष्णुने वाराह एवं नृसिंह अवतार

पशुओं के प्रति भी दयावान् एक महापुरुष प्रातः कालका समय है। दिनके कोई सात बजे हैं। लोग सुबहकी सैरको जा

गत वर्ष मैं पटनेमें मकान बना रहा था। बरसात के कुछ पहले एक वैगन चूना आ गया। चारों तरफ ईंट

“क्यों री ! आज सागमें नमक डालना भूल | गयी?’- पैठनके परम कर्मठ षट्शास्त्री बहिरंभट्टने अपनी पत्नीसे पूछा । पत्नीने

बहुत पहले अयोध्यामें एक राजा रहते थे ऋतध्वज महाराज रुक्माङ्गद इनके ही पुत्र थे। ये बड़े प्रतापी और धर्मात्मा थे।

जीवनका कम्बल दो साधु थे। किसी भक्तने दोनोंको बहुमूल्य गर्म कम्बल उपहारमें दिये दिनभर यात्रा करनेके बाद दोनों साधु रातके