
कुमारी केशिनीका त्याग और प्रह्लादका न्याय
पञ्चाल प्रदेशकी सर्वगुणसम्पन्ना विवेकशीला लोक विश्रुत सुन्दरी एक स्वयंवरा कन्या थी। वह श्रेष्ठ कुलमें उत्पन्न सत्पुरुषसे ही विवाह करना चाहती

पञ्चाल प्रदेशकी सर्वगुणसम्पन्ना विवेकशीला लोक विश्रुत सुन्दरी एक स्वयंवरा कन्या थी। वह श्रेष्ठ कुलमें उत्पन्न सत्पुरुषसे ही विवाह करना चाहती

‘न देने योग्य गौके दानसे दाताका उलटे अमङ्गल होता है’ इस विचारसे सात्विक बुद्धि-सम्पन्न ऋषिकुमार नचिकेता अधीर हो उठे। उनके

चीनसे भारत आनेवाले यात्री ह्यु-एन-साँग केवल घुमक्कड़ यात्री नहीं थे। वे थे धर्मके जिज्ञासु विद्याकी लालसा ही उन्हें दुर्गम हिमालयके

सत्य और असत्य एक दिन छायाने मनुष्यसे कहा-‘लो देखो, तुम जितने थे, उतने के उतने ही रहे और मैं तुमसे

अरुणके पुत्र उद्दालकका एक लड़का श्वेतकेतु था। उससे एक दिन पिताने कहा, ‘श्वेतकेतो! तू गुरुकुलमें जाकर ब्रह्मचर्य का पालन कर;

पहले समयकी बात है। एक धनी नवयुवक राजपथपर टहल रहा था। उसने रोने और सिसकनेकी आवाज सुनी और वह एक

कहते हैं कि बादशाह अकबरके खजांचीकी स्त्रीका रूप बड़ा ही अपूर्व था। एक बार कहीं उसे देखकर बादशाह महामोहमें पड़

सादगी विश्वके सबसे बड़े कार-कारखानेके मालिक और अमेरिकाके अरबपती उद्यमी हेनरी फोर्ड अत्यन्त सादगी पसन्द थे। धन सम्पन्नताकी अतिके बावजूद

(8) भगवत्स्मरणकी महिमा सुमिरनकी बड़ी महिमा है। हृदयसे भावविह्वल होकर भगवान्को पुकारना सुमिरन कहलाता है। यह मात्र होंठोंसे किया जप

श्रीसङ्गामजीको तप करते कितने दिन बीत गये। स्त्री, पुत्र एवं जगत्की किसी भी वस्तुके प्रति उनके मनमें आसक्ति नहीं रह