
तपोबल
‘माँ, मुझे उतना ही मीठा दूध पिलाओ।’ उपमन्यु घर आकर माँकी गोदमें बैठ गया। उसने अभी थोड़ी देर पहले अपने

‘माँ, मुझे उतना ही मीठा दूध पिलाओ।’ उपमन्यु घर आकर माँकी गोदमें बैठ गया। उसने अभी थोड़ी देर पहले अपने

क्रियों यूनानके एथेंस नगरका एक नवयुवक गुलाम था। उसके जीवन कालमें राज्यका कानून था कि कोई गुलाम कलाकी उपासना नहीं

भारत-सावित्री [महाभारतका सार ] महर्षिर्भगवान् व्यासः कृत्वेमां संहितां पुरा । श्लोकैश्चतुर्भिर्धर्मात्मा पुत्रमध्यापयच्छुकम् ॥ धर्ममूर्ति ऋषिप्रवर भगवान् व्यासदेवने पूर्वकालमें महाभारतसंहिताका प्रणयन

श्रीराधाके भक्तोंको एक दिव्य रूप प्राप्त होता है। उसीसे वे उनके दर्शन प्राप्त कर सकते हैं। भक्त श्रीनिवासजी भी श्रीराधाके

राष्ट्रिय स्वयंसेवक सङ्घके मूल संस्थापक स्वनामधन्य डॉक्टर श्रीकेशवराव बलिराम हेडगेवार किसी कारणवश एक बार शनिवारके दिन कुछ साथियोंको लेकर अड़े

(10) जरूरतमन्दोंकी सेवा एक हकीम गुरु गोविन्दसिंहजीके दर्शन करने आनन्दपुर गया। जब वह उनसे मिलकर वापस लौटने लगा तो गुरुजीने

महाराज जीमूतकेतुके ऐश्वर्यका पार नहीं था। उन्होंने देवराज इन्द्रकी उपासना करके कल्पवृक्ष प्राप्त किया था। उनका राजभवन इतना भव्य था

मायाका मुखौटा (स्वामी श्री अमरानन्दजी ) रामपुर नामक गाँव नगरसे कुछ मीलकी दूरीपर स्थित था। दिसम्बरका उत्तरार्ध चल रहा था।

सन्तोंकी अवहेलना और सेवाका फल एक बार नारदजीने धर्मराज युधिष्ठिरसे अपने पूर्वजन्मके बारेमें बताते हुए कहा कि पूर्वजन्ममें इसके पहलेके

अमेरिकामें स्वातन्त्र्य-संग्रामके समय एक किलेबन्दी हो रही थी। कुछ सैनिकोंके द्वारा एक नायक उस कामको करा रहा था। सैनिक किलेकी