
न्यायका आदर्श
न्यायका आदर्श इंगलैंडमें चतुर्थ हैनरीका शासन था। उस समय पाँचवाँ हैनरी युवराजपदपर था। एक बार उसका एक नौकर किसी अपराधमें

न्यायका आदर्श इंगलैंडमें चतुर्थ हैनरीका शासन था। उस समय पाँचवाँ हैनरी युवराजपदपर था। एक बार उसका एक नौकर किसी अपराधमें

मृत्यु तो सृष्टिका अनिवार्य सत्य है एक समयकी बात है, भगवान् बुद्ध श्रावस्ती नगरीमें ठहरे हुए थे। उनकी सायंकालीन सभा

प्राचीन समयकी बात है। एक धनी व्यक्तिने एक हब्शीको नौकर रखा। उसने अपने जीवनमें हब्शी कभी पहले नहीं देखा था।

‘नरहरि ! भगवान् विट्ठलनाथने प्रसन्न हो मुझे पुत्र | दिया। मैं आज उन्हें रत्नजटित कमरपट्टा चढ़ाने आया हूँ। पंढरपुरमें सिवा

(3) नम्रता एवं सादगीके प्रतीक महात्मा गाँधी राजकोटमें काठियावाड़ राज्य प्रजा परिषद्का अधिवेशन हो रहा था। बापू अन्य नेताओंके साथ

मनका प्रभाव होता है मनपर काशीके सम्राट् अजितसेनकी सवारी शहरके बीचसे निकल रही थी। हजारों लोग सम्राट्के दर्शन कर रहे

एक सेठ रात्रिमें सो रहे थे। स्वप्नमें उन्होंने देखा कि लक्ष्मीजी कह रही हैं-‘सेठ! अब तेरा पुण्य समाप्त हो गया

उन दिनों विद्यासागर ईश्वरचन्द्रजी बड़े आर्थिक संकटमें थे। उनपर ऋण हो गया था। यह ऋण भी हुआ था दूसरोंकी सहायता

समय एक दैविक इलाज एक सनकी राजाकी पत्नीने एक कन्याको जन्म दिया। राजा खुशीसे फूला न समाया। वह बच्चीको देखने

‘अरे नामू! तेरी धोतीमें खून कैसे लग रहा है?’ ‘यह तो माँ!’ मैंने कुल्हाड़ीसे पगको छीलकर देखा था।’ माँने धोती