Stories

सुदामा का भाग्य

सुदामा के भाग्य में ‘श्रीक्षय’ लिखा हुआ था,श्रीकृष्ण ने वहां उन अक्षरों को उलटकर ‘यक्षश्री’ श्रीकृष्ण और सुदामा की मैत्री

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मन को जीतने का तप

                              एक ऋषि यति-मुनि एक समय घूमते-घूमते नदी के तट पर चल रहे थे। मुनि को मौज आई। हम

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प्रभु का दरवाजा

ना जन्म हमारी मर्जी से होता है ना ही मृत्यु तो जन्म मृत्यु के बीच होने वाली व्यवस्था हमारी मर्जी

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गोविन्द दास की भक्ति

बरसाना में गोविन्द दास नाम का एक भक्त रहता था।उसकी एक पुत्री थी, जिसका नाम था मुनिया।*गोविन्द दास के परिवार

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वैरागी जीवन

कीचड़ में होते हुए भी कमल कैसे खिला हुआ रहता है “वैरागी जीवन” आप कैसे वैरागी ? चक्रवती भरत के

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सन्यासी

एक राजा की पुत्री के मन में वैराग्य की भावनाएं थीं। जब राजकुमारी विवाह योग्य हुई तो राजा को उसके

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