
आत्मा को केवल आत्मा ही जानता है
ज्ञानीजन कहते हैं के आत्मा को केवल आत्मा ही जानता है! पर अज्ञानीजनों का मानना है के यदि देह मनादि

ज्ञानीजन कहते हैं के आत्मा को केवल आत्मा ही जानता है! पर अज्ञानीजनों का मानना है के यदि देह मनादि

एक संत एक छोटे से आश्रम का संचालन करते थे। एक दिन पास के रास्ते से एक राहगीर को पकड़कर

सभी देशवासियों कोमहावीर जयंती- २०२३की हार्दिक शुभकामनाएं..! जैसे हर संत के जीवन में देखा जाता है, वैसे महावीर स्वामी के

एक पढा लिखा, अनुभवी व्यक्ति एक बार कार से यात्रा कर रहा था। दिन के दोपहर में सुनसान जगह पर

शुभ प्रभातम्मन भी पानी जैसा ही है, पानी फर्श पर गिर जाए तो कहीं भी चला जाता है, मन भी

किसी नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह ग्वालिन थी उसके चार पुत्र और एक पुत्री थी। एक समय नगर

भगवान राम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि जो जन्म लेता है

।। जय श्री महाकालेश्वर ।। गोदावरी के पावन तट पे “श्वेत” नामक एक ब्राह्मण रहते थे। जो शिवजी के अनन्य

कोई भक्त,रसिक जब लम्बी गहरी सांस लेकर..आँखों में प्रेमाश्रु भर कर..आह कृष्ण…हे गोविन्द !..मेरे माधव कह कर पुकारता है तो

संत जनाबाई विठ्ठल को कभी अपनी माता, कभी पिता, कभी पुत्र तो कभी सखा मानती थीं अर्थात् मन की स्थिति