
भगवान शिव द्वारा श्रीराम की परीक्षा
.श्रीराम का वनवास ख़त्म हो चुका था..एक बार श्रीराम ब्राम्हणों को भोजन करा रहे थे तभी भगवान शिव ब्राम्हण वेश

.श्रीराम का वनवास ख़त्म हो चुका था..एक बार श्रीराम ब्राम्हणों को भोजन करा रहे थे तभी भगवान शिव ब्राम्हण वेश

. श्रीजयदेव जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी भक्त थे। आपके हृदय में श्रीकृष्ण प्रेम हिलौरे लेता रहता था। उसी

वृन्दावन में बिहारी जी की अनन्य भक्त थी । नाम था कांता बाई… बिहारी जी को अपना लाला कहा करती

. सोलहवीं शताब्दी में जब भारत पर मुग़ल बादशाह अकबर का शासन था, उन्ही दिनों की यह घटना है। ब्रज

चाय बेचते थे मशहूर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा:पिता लगाते थे चने का ठेला, भरपेट खाना भी नहीं मिलता था

हरि बोल हरि बोल नदी पर कपड़े धोते हुए धोबी ने कहा, बाबा आगे जाओ हरि बोल हरि बोल बाबा

राजेश एक सरकारी अफसर हैं। बहुत बड़ा सरकारी बंगला मिला हुआ हैं। नौकर चाकर आदि सब चीज की सुविधा हैं।

एक महिला को सब्जीमंडी जाना था…उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे सब्जी मंडी की और चल पड़ी।

गणिका थीं श्रीवारमुखीजी। लोक और वेद-दोनोंसे गर्हित था उनका कर्म परंतु प्रभुकी कृप किसपर हो जाय, कब किसके किस जन्मका

एक बार बुद्ध एक नगर के बाजार से गुजर रहे थे। तभी एक व्यक्ति उनके पास आया और बुद्ध को