
नजर अपनी ओर
परमात्मा ने सभी जीवो को उनके कर्मानुसार उन्हे दिया है।जो जैसी पात्रता रखता है,उसे वैसा ही दिया है।किंतु हम उससे

परमात्मा ने सभी जीवो को उनके कर्मानुसार उन्हे दिया है।जो जैसी पात्रता रखता है,उसे वैसा ही दिया है।किंतु हम उससे

एक पाँच छ: साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर मंदिर के एक तरफ कोने में बैठा

एक प्रसिद्ध साधवी हुई हैं! जवानी में वह बहुत ही खूबसूरत थी। एक बार चोर उसे उठाकर ले गए और

एक आदमी एक सेठ की दुकान पर नौकरी करता था। वह बेहद ईमानदारी और लगन से अपना काम करता था।

।।श्रीहरिः।। संत पुरूष कहते हैं कि पुत्री हो तो करमैती बाई जैसी। राजस्थान के सीकर जिले की खंडेला निवासी भक्त

एक बार वशिष्ठ जी विश्वामित्र ऋषि जी के आश्रम में आए। इनका बड़ा स्वागत-सत्कार और आतिथ्य सत्कार किया गया। जब

आज की बात अच्छे से याद है मुझे पता है की उसने आज कुछ ऐसा कहा था जिसके बाद मुझे

️ एक माँ अपने पूजा-पाठ से फुर्सत पाकर अपने विदेश में रहने वाले बेटे से विडियो चैट करते वक्त पूछ

. श्रीहितकिशोरीशरण बाबाजी (सूरदास बाबा)(वृन्दावन) ‘भैया ! मेरे मन में ऐसी आवे कि विश्व को कुत्ता हू दुःखी न होय,

राधा जी की कृपा चन्दन वृंदावन की ब्रज भूमि में रहने वाला अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। दिन भर